420 case against ujjain's ex-amil
Posted: Sun Apr 15, 2012 3:26 am
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Published on 14 Apr-2012Share
भास्कर संवाददातात्नउज्जैन
करीब सवा दो साल पहले एक बोहरा व्यापारी व अंजुमन वजिही दाऊदी बोहरा समाज के पदाधिकारियों के बीच दुकान किराए की रसीद को लेकर हुए विवाद के मामले में कोर्ट ने संज्ञान ले लिया है। न्यायालय ने मामले को प्रथम दृष्टया धोखाधड़ी का प्रकरण मानते हुए पूर्व आमिल सहित तीन लोगों को कोर्ट में पेश करने के लिए जीवाजीगंज पुलिस को निर्देश दिए है।
इब्राहिमपुरा बाखल निवासी मोहसीनअली लट्ठावाला की छत्रीचौक स्थित हुसैनी मस्जिद में दुकान है। दुकान के एग्रीमेंट के लिए उन्होंने 10 दिसंबर 2009 को तत्कालीन आमिल शेख सैफुद्दीन जमाली के कार्यालय में सचिव अकबरअली को 21 हजार रुपए दिए थे। बाद में अकबरअली ने रसीद व एग्रीमेंट देने की जगह लट्ठावाला को पीटकर कार्यालय से भगा दिया था। लट्ठावाला को चोट लगने पर जीवाजीगंज पुलिस ने मारपीट का प्रकरण तो दर्ज किया था लेकिन एग्रीमेंट मामले में कार्रवाई नहीं की। इस पर लट्ठावाला के पुत्र मुस्तफा ने सभी तरफ से निराश होने के बाद छह माह पहले जेएमएफसी राकेश कुमार पाटीदार के यहां निजी इस्तगासा लगाया था। कोर्ट ने प्रकरण को प्रथम दृष्टया धारा 420 (धोखाधड़ी) मामला माना और तत्कालीन आमिल शेख सैफुद्दीन जमाली निवासी गुजरात, सचिव शेख अकबरअली कांचवाला निवासी सैफी मोहल्ला व अकाउंटेंट खोजेमा बुरहानपुरवाला निवासी कमरी मार्ग को 6 मई 2012 को कोर्ट में पेश होने के लिए वारंट जारी कर दिए।
तब मचा था समाज में हंगामा
मोहसीनअली के साथ मारपीट के मामले में दिसंबर 09 सचिव अकबरअली पर प्रकरण दर्ज होने पर हंगामा मच गया था। समाजजनों ने कांचवाला पर झूठा प्रकरण दर्ज करवाना बताते हुए जीवाजीगंज के तत्कालीन टीआई अंगदसिंह राठौर को ज्ञापन तक सौंपा था।
॥राशि लेकर रसीद देने के स्थान पर संस्था के जिम्मेदारों ने अभद्रता की थी। मामले में मुस्तफा लट्ठावाला की ओर से परिवाद दायर किया था। इस पर कोर्ट ने इसे धोखाधड़ी का मामला माना है।ञ्जञ्ज सत्यनारायण व्यास, परिवादी पक्ष के वकील
Published on 14 Apr-2012Share
भास्कर संवाददातात्नउज्जैन
करीब सवा दो साल पहले एक बोहरा व्यापारी व अंजुमन वजिही दाऊदी बोहरा समाज के पदाधिकारियों के बीच दुकान किराए की रसीद को लेकर हुए विवाद के मामले में कोर्ट ने संज्ञान ले लिया है। न्यायालय ने मामले को प्रथम दृष्टया धोखाधड़ी का प्रकरण मानते हुए पूर्व आमिल सहित तीन लोगों को कोर्ट में पेश करने के लिए जीवाजीगंज पुलिस को निर्देश दिए है।
इब्राहिमपुरा बाखल निवासी मोहसीनअली लट्ठावाला की छत्रीचौक स्थित हुसैनी मस्जिद में दुकान है। दुकान के एग्रीमेंट के लिए उन्होंने 10 दिसंबर 2009 को तत्कालीन आमिल शेख सैफुद्दीन जमाली के कार्यालय में सचिव अकबरअली को 21 हजार रुपए दिए थे। बाद में अकबरअली ने रसीद व एग्रीमेंट देने की जगह लट्ठावाला को पीटकर कार्यालय से भगा दिया था। लट्ठावाला को चोट लगने पर जीवाजीगंज पुलिस ने मारपीट का प्रकरण तो दर्ज किया था लेकिन एग्रीमेंट मामले में कार्रवाई नहीं की। इस पर लट्ठावाला के पुत्र मुस्तफा ने सभी तरफ से निराश होने के बाद छह माह पहले जेएमएफसी राकेश कुमार पाटीदार के यहां निजी इस्तगासा लगाया था। कोर्ट ने प्रकरण को प्रथम दृष्टया धारा 420 (धोखाधड़ी) मामला माना और तत्कालीन आमिल शेख सैफुद्दीन जमाली निवासी गुजरात, सचिव शेख अकबरअली कांचवाला निवासी सैफी मोहल्ला व अकाउंटेंट खोजेमा बुरहानपुरवाला निवासी कमरी मार्ग को 6 मई 2012 को कोर्ट में पेश होने के लिए वारंट जारी कर दिए।
तब मचा था समाज में हंगामा
मोहसीनअली के साथ मारपीट के मामले में दिसंबर 09 सचिव अकबरअली पर प्रकरण दर्ज होने पर हंगामा मच गया था। समाजजनों ने कांचवाला पर झूठा प्रकरण दर्ज करवाना बताते हुए जीवाजीगंज के तत्कालीन टीआई अंगदसिंह राठौर को ज्ञापन तक सौंपा था।
॥राशि लेकर रसीद देने के स्थान पर संस्था के जिम्मेदारों ने अभद्रता की थी। मामले में मुस्तफा लट्ठावाला की ओर से परिवाद दायर किया था। इस पर कोर्ट ने इसे धोखाधड़ी का मामला माना है।ञ्जञ्ज सत्यनारायण व्यास, परिवादी पक्ष के वकील